Wednesday, September 3, 2014

मेरा दोस्त मिस्टर लिकी



मैं जून माह होशंगाबाद विज्ञान की कार्यशाला में गया था| वहा मैंने हाल्डेन की मेरा दोस्त मिस्टर लिकीकिताब देखी| एक बार मेरे दोस्त ने इस किताब के बारे में मुझे बताया था की, यह एक अच्छी विज्ञान की किताब है| तो मैंने इसे ख़रीदा| लेकिन पता नहीं था की इसे कब पढ़ पाऊंगा| खैर मैं इस तरह किताबे खरीद कर रख लेता हूँ और जब कभी समय मिले तो उन्हें पढता हूँ| इस किताब को वैसे मैंने जल्द ही हाथ में लिया| यह एक विज्ञान कथा है, पर जैसे मैंने पहली कहानी पढ़ी तो मुझे लगा के मैं विज्ञान कहानी पढ़ रहा हूँ या फिर कोई जादुई कहानी| हां, हाल्डेन की इस किताब में मिस्टर लिकी एक जादूगर है| इतना ही नहीं इसमे उनका एक अब्दुल मक्कार नाम का जिन्न है, साथ में एक नन्हा सा नटखट सा ड्रैगन पोम्पई, ओलिवर नाम का एक ऑक्टोपस जो उनका नौकर है, लियोपोल्ड नाम का बीटल, एक उड़ती कालीन और कई सारे जादुई मित्र| लेकिन हमारे लेखक के मित्र मिस्टर लिकी कोई साधारण जादूगर नहीं है, वे जादू के साथ साथ कई सारी वैज्ञानिक बाते बताते है|

जे. बी. एस. हाल्डेन (J. B. S. Halden) की इस किताब को पढ़ते वक़्त हमेशा ऐसा लगता है की उनमे विज्ञान की जटिल बातों को, उनका अर्थ बिगाड़े बिना, अत्यंत साधारण रूप से कहने की विलक्षण क्षमता थी| बच्चों के लिए विज्ञान साहित्य बहोत कम लिखा गया है, और जो कुछ थोडा सा लिखा गया है, वह कभी कभी बच्चों की समझ के बाहर होता है, या उसे इतना हल्का किया जाता है की बच्चे उसमे विज्ञान देख ही नहीं पाते| हाल्डेन का ऐसा मानना था की एक वैज्ञानिक होने के नाते, यदि हो सके तो, विज्ञान को साधारण व्यक्तियों और बच्चों के लिए आसानी से समझाने योग्य कुछ लिखना चाहिए| उनका यह प्रयास इस किताब में दिखाई देता है| एक छोटीसी जादुई कहनी के साथ उन्होंने विज्ञान की कई रोचक बाते बताई है|

इस किताब में कई सारे पौंधे, कीटों, प्राणी और पंछियों का जिक्र आता है, तब हाल्डेन ने उन जीवों की बारीकियों को इस कदर लिखा है की पढने वाले के मन में जिज्ञासा उत्पन्न होती है| जैसे, लेखक को बाथटब में मिस्टर लिकी के पार्टी का न्योता देने आई सुनहरी मछली कोई साधारण सुनहरी मछली नहीं थी, वह तो न्यूजीलैंड के गर्म पानी के सोते में रहने वाली है, इसलिए वह बाथटब के गर्म पानी को सह लेती है| हाल्डेन अलग अलग जगह के बारे में भी लिखते है| एक बार लेखक मिस्टर लिकी के साथ उड़ती कालीन पर दुनिया की सैर पर निकलता है, जब वे हिंदुस्तान पार कर के दक्षिणी गोलार्ध में पोहचते है तो वह से दिखने वाले आकाश में बारे में भी हाल्डेन ने लिखा है| विज्ञान में अध्ययन करने के बावजूद शायद ही किसी वैज्ञानिक ने बच्चों के लिए ऐसा कुछ लिखा होगा|

हाल्डेन एक प्रतिभावान वैज्ञानिक थे| उन्होंने शरीर विज्ञान, जैव रसायन और आनुवंशिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया| वे जनसँख्या आनुवंशिकी के संस्थापकों में से एक थे और विकास का गणितीय सिद्धांत उनका बहुचर्चित योगदान माना जाता है| साथ साथ में हाल्डेन मानवमात्र की भलाई चाहने वाले वैज्ञानिक भी थे| अपने विद्यार्थी जीवन में पहले विश्वयुद्ध में ब्रिटन की ओर से सिपाही के तौर पर लड़ते हुए देखा हुआ तबाही का मंजर और बाद में द्वितीय विश्वयुद्ध के भी साक्षी रहे हाल्डेन ने समाज की भलाई के लिए कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ली और समाजवादी विचारधारा के समर्थक बने| लेकिन धीरे धीरे कम्युनिस्ट पार्टी के खोकलेपन की वजह से वह चुपचाप इस विचारधारा से अलग भी हो गए|

बाद में ब्रिटिश और फ़्रांसिसी सरकार के सुएज़ पर किये गए आक्रमण से नाराज हो कर वे भारत चले आये, यहाँ की नागरिकता स्वीकारी और मरने तक उन्होंने भारत में विज्ञान के अनुसंधान तथा विज्ञान शिक्षा में कार्य करते रहे| उन्होंने अपने विद्यार्थियों को वैज्ञानिक मान्यताओं को साधारण जीवन के अनुभवों से जोड़ने की सिख दी, जो उन्होंने अपने जीवन में भी आत्मसात की थी|

हाल्डेन का हिंदुस्तान से लगाव इस किताब में दिखाई देता है|1936 में लिखी गयी इस किताब में ब्रिटिश हिन्दुस्तान की कई सारी बाते हाल्डेन बताते है, चाहे वह हिंदुस्तान की चाय हो या आम| वैसे एक हिन्दुस्तानी जादूगर श्री चन्द्रज्योतिष भी है इस कहानी में| मिस्टर लिकी की बस तीन कहानिया इस किताब में है| बाकि तीन कहानियों में मिस्टर लिकी से मुलाकात नहीं होती| पर ये कहानियाँ भी बहोत खुबसूरत तरीके से लिखी है| इनमे से एक कहानी में बड़े होशियार चूहे है जो लन्दन के बंदरगाह पर तबाही मचाते है| एक कहानी में एक सनकी अमिर व्यक्ति है जो अपने सांप को सोने के दांत लगवाता है| और आखरी कहानी में एक जादुई बटन है| इन कहानियों में भी जादू, परियां, अकलमंद जीव और ढेर सारी विज्ञान की बातें है|

एक और खासियत इस किताब की आपको बताना भूल गया था, वह है क्विन्तिन ब्लेक (Quintin Blake) की चित्रकारी| बालकथा के चित्रकार क्विन्तिन ब्लेक जिन्होंने रोआल्ड डाल (Roald Dahl) के कई सारी किताबों में चित्रकारी की है, उन्होंने इस किताब में भी बहोत सुन्दर चित्र बनाकर हाल्डेन के पात्रों में एक तरह से जान डाल दी है| उनका पोम्पेई ड्रैगन, होशियार चूहे और रोज़ी मगरमच्छ बड़े ही प्यारे बने है| क्विन्तिन का मिस्टर लिकी तो हाल्डेन जैसा ही दिखता है| अगर आप बच्चों के (विज्ञान) साहित्य को पढ़ने की रूचि रखते है तो मेरा दोस्त मिस्टर लिकीजरुर पढ़े|


मेरा दोस्त मिस्टर लिकी
मूल लेखक: जे. बी. एस. हाल्डेन
हिंदी अनुवाद: अमिताभ पांडे

प्रकाशक: विज्ञान प्रसार

4 comments:

  1. Sure I'll read it and recommend to students also.

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  2. I will surely read and recommend it for VASCSC library.

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  3. Recommend it for library and you can collect it for your personal collection too. its classic book.

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