आज दिन कुछ विशेष है| आज पृथ्वी अपनी कक्षा में सूर्य के सबसे ज्यादा करीब है| हम जानते है के हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों और घुमती है| लेकिन यह सूर्य के इर्द गिर्द गोलाकार कक्षा में नहीं घुमती| पृथ्वी की कक्षा थोड़ीसी दीर्घ वृत्ताकार है| मतलब यह सूर्य से एक दुरी बना कर नहीं घुमती| पृथ्वी अपनी कक्षा में कभी सूर्य से दूर होती तो कभी पास| जब यह सूर्य के पास होती तो उस बिंदु को Perihelion या उपसौर बिंदु कहा जाता है और जब ये सूर्य से दूर होती तो उस बिंदु को Aphelion या अपसौर बिंदु कहा जाता है| सूर्य और पृथ्वी के बिच की दुरी हमेशा एक औसत आंकड़े के रूप में ही दी जाती है| यह औसतन दुरी अपसौर और उपसौर बिंदु के बिच की होती है| यह औसतन दुरी लगभग 149.6 मिलियन किलोमीटर है|
सूर्य और पृथ्वी, सौजन्य- nasa |
पृथ्वी अपसौर बिंदु याने सूर्य से सबसे ज्यादा दूर पर जुलाई महीने के 4 तारीख से 7 तारीख में होती है| तब धरती की सूर्य से दुरी लगभग 151.1 मिलियन किलोमीटर होती है| इस वर्ष याने 2020 मे यह 4 जुलाई को अपसौर बिंदु पर होगी और सूर्य से 152,095,295 किलोमीटर दूर होगी|
इस वर्ष 2020 में आज याने 5 जनवरी को सूर्य के सबसे ज्यादा पास है| आज पृथ्वी की सूर्य से दुरी 147,091,144 किलोमीटर है| हर वर्ष यह 2 से 5 जनवरी के बिच में इस बिंदु पर पोहोचती है| अपसौर और उपसौर बिंदु के तारीखों से पता लगता है की इन बिन्दुओ पर पृथ्वी उत्तर अयनांत (21 जून) और दक्षिण अयनांत (22 दिसम्बर) के लगभग दो हफ्ते बाद आती है|
सूर्य और पृथ्वी के बिच की दुरी, सौजन्य-timeanddate.com |
यह सवाल कई लोगो के मान में आता है की क्या पृथ्वी के दीर्घ वृत्ताकार कक्षा का प्रभाव पृथ्वी के ऋतुओं पर भी होता है? लेकिन आप गौर करेंगे तो पता चलेगा की भारत या पृथ्वी के उत्तर गोलार्ध में दिसम्बर और जनवरी में सर्दियां होती है| और यही दिनों पृथ्वी उपसौर बिंदु याने सूर्य के नजदीक होती है| जून-जुलाई के वक़्त अपसौर बिंदु या सूर्य से दूर होती है| तब भी यहाँ झुलसाने वाली गर्मी पड़ती है|
पृथ्वी पर होनेवाली ऋतुओं के चक्र में पृथ्वी के सूर्य की दुरी के बजाय पृथ्वी के अक्ष के झुकाव की भूमिका है| पृथ्वी के घूर्णन का अक्ष, पृथ्वी और सूर्य के तल के सापेक्ष 23.4 डिग्री झुका हुआ है| और यह अक्ष आकाश में ध्रुव तारे की और झुका हुआ दिखता है| पूरी रात भर आसमान में हम देख सकते है की सभी तारे पूर्व से पश्चिम की तरफ चले जाते है ( पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व घुमती है इसलिए हमे तारे पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए दिखते है|) लेकिन ध्रुव ताराआकाश में उसी जगह अडिग दीखता है|
पुरे वर्ष भर में पृथ्वी की कक्षा में स्तिथि और अक्ष की झुकाव से होने वाला ऋतू परिवर्तन, सौजन्य- phys.org |
जब धरती सूर्य के इर्द गिर्द घुमती है तो इसी झुकाव की वजह से कभी उत्तर गोलार्ध सूर्य के सामने तो कभी दक्षिण गोलार्ध सूर्य के सामने आते है| जब उत्तर गोलार्ध जून और उसके आसपास के महीनो में सूर्य के सामने होता है तब उत्तर गोलार्ध में गर्मियां पड़ती है| यहाँ सूर्य की किरने सीधी पड़ती है और कम क्षेत्रफल में ज्यादा किरने पड़ती है और उत्तर गोलार्ध गर्म हो जाता है| इन्ही महीनो में दक्षिण गोलार्ध सूर्य से दूर हो जाता है| सूर्य की किरने यहाँ सीधी पड़ने की बजाय कुछ कोण बनाकर पड़ती है और ज्यादा क्षेत्रफल में कम सूर्य की किरने पोहोच पाती है| इसलिए दक्षिण गोलार्ध में सर्दिया पड़ती है| इसी के उलट परिस्थिति दिसम्बर और उसके आसपास के महीनो में होती है| तब उत्तर गोलार्ध सूर्य से दूर चला जाता है और दक्षिण गोलार्ध सूर्य के सामने आ जाता है| अब इन दिनों उत्तर गोलार्ध में ठण्ड और दक्षिण गोलार्ध में गर्मियां आ जाती है|
फिर भी आपको लगे की शायद जनवरी में पृथ्वी सूर्य के पास है इसलिए उत्तर गोलार्ध में सर्दियां ज्यादा तेज नही होती हो और जून जुलाई में पृथ्वी सूर्य से दूर होने की वजह से गर्मियां भी ज्यादा तेज नहीं होती होंगी| पर अगर हम दक्षिण गोलार्ध को देखे जो वह पर की गर्मियों में सूर्य के पास होता है और सर्दियों में सूर्य से दूर होता है तो उत्तर गोलार्ध के सर्दी और गर्मी के तापमान की तुलना में फर्क नहीं आता है|
ऐसा सोचने के लिए हमे पाठ्यपुस्तको में बनाये जाने मोडल भी शामिल होते है| आप अगर देखे की पाठ्यपुस्तको में ऐसे डायग्राम या आकृतिया होती है जो पृथ्वी की दीर्घ वृत्ताकार कक्षा को समझाने के लिए ज्यादा दीर्घ दिखा देते है| लेकिन वास्तव में पृथ्वी के कक्षा के दीर्घ वृत्ताकार का मान क्या है? अगर हम अपसौर और उपसौर बिदुओं के बिच का अंतर देखे तो यह 5 मिलियन किलोमीटर आता है जो सूर्य और पृथ्वी के बिच के दुरी के अंतर के 3 प्रतिशत है| फिर जब आप वृत्तों के दीर्घ वृत्ताकार या परवलय होने का मान निकालते तो इनका गणितीय मान होता है जो eccentricity से दर्शाया जाता है| पूर्ण वृत्त या regular circleका eccentricity मान 0 होता है| दीर्घ वृत्त या Elliptic का eccentricity मान 0 से ज्यादा और 1 से कम होता है| परवलय या Parabola का मान 1 होता है और Hyperbola का मान 1 से ज्यादा होता है| पृथ्वी की कक्षा के eccentricity का मान 0.02 है| मतलब हमारी पृथ्वी की कक्षा पूरी तरह से दीर्घ वृत्ताकार नहीं है| यह लगभग वृत्ताकार या पूर्ण वृत्त के करीब है| किताबो के मॉडल्स को कुछ मर्यादाओं में कुछ ही संकल्पनाए समझने के लिए बनाया जाता है| तो जब हम किसी पाठ्यपुस्तक या पुस्तकों के मॉडल्स को देखते है तो इन्हें वास्तविक गणितीय डाटा के साथ भी तुलना कर के देखा जाना चाहिए|
खैर आप आज सूर्य के नजदीक होने का आनंद उठाये|
पृथ्वी की कक्षा, पीले रंग से प्रदर्शित, सौजन्य-wikipedia |
Nice analyais and great information
ReplyDeleteGreat effort and very significant.
ReplyDeleteVery informative......
ReplyDeleteAmol Bhai Selfi se video banaa kar samjhaaoge to zyada achcha hai...
ReplyDeleteRgds
Adnan Buland Khan
https://counselorbuland.blogspot.com
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ReplyDeleteVery informative. Thank you.
ReplyDeleteNice
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ReplyDeleteVery good information and analysis.
ReplyDeleteNice Article. People really have misconceptions that seasons are because of the elliptical orbit of Earth around Sun.
ReplyDeleteNice information, Amol
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