21 दिसम्बर तारीख इस साल दो वजह से स्पेशल है| एक तो यह साल का सबसे छोटा दिन होगा और दूसरी वजह है कि इस दिन आसमान में बृहस्पति और शनि ग्रह एक दुसरे के बहोत करीब आयेंगे| वे इतने करीब 800 साल पहले आये थे| आसमान में ग्रह एक दुसरे के करीब आने की घटना को युति (Conjuction) कहा जाता है| अगर हम आसमान को देखे तो यह समझ आ जाता है कि सभी तारे आसमान के पटल पर स्थिर है और ग्रह, सूर्य और चन्द्रमा इन तारों की तुलना में गतिमान है| इसी वजह से आसमान में ये कई तरह के नज़ारे हमे दिखाते है| युति की घटनाये ग्रहों के बिच, चन्द्रमा और ग्रहों के बिच भी होती है| वैसे तो चन्द्रमा से जुडी युति की घटनाये काफी बार हम देख पाते है लेकिन बृहस्पति और शनि के बिच ये घटना को होने में कुछ सालों का समय लगता है| बृहस्पति और शनि एक दूसरे के करीब 20 सालों में एक बार गुजरते है| पिछली बार ये दोनों ग्रह एक दुसरे के करीब 28 मई 2000 में थे| उस समय ये दोनों ग्रह सूरज के काफी नजदीक होने की वजह से इनकी युति को देखना मुश्किल था| बृहस्पति और शनि बिच की दुरी उस समय 1 डिग्री 9 मिनट* थी| इस साल यह दुरी और कम हो कर सिर्फ 6 आर्क मिनट होगी| इतनी कम दुरी की वजह से ये दोनों ग्रह एक ही नज़र आयेंगे|
21 दिसम्बर को बृहस्पति और शनि, स्त्रोत Stellarium |
युति की घटना हम इसलिए देखते है कि ग्रह अपनी कक्षा में घूमते है, जिन ग्रहों की कक्षा छोटी होती है वह तेजी चलते हुए दूर की कक्षा में धीमे घुमने वाले ग्रह से आगे निकल जाते है| हमारे आसमान का पटल हमे दो आयामों में नजर आता है उस पटल पर ये ग्रह धीरे धीरे करीब आते हुए हमे दिखते है और फिर एक दुसरे से दूर जाते हुए दिखते है| कुछ ऐसा ही बृहस्पति और शनि के साथ होगा| अगर हम इन दोनों ग्रहों को आज से ही देखना शुरू करेंगे तो देखेंगे की इन दोनों ग्रहों में कुछ अंतर होगा| लेकिन आने वाले दिनों में यह अंतर कम होते जायेगा| वह इसलिए क्यूंकि बृहस्पति की कक्षा छोटी है इस वजह से तेजी से घूमते हुए अगले कुछ दिनों में शनि के बराबर आएगा और हमे इन दोनों ग्रहों की युति की स्थिति दिखेगी| भले हमारे आसमान में ये दोनों ग्रह एक दूसरे के करीब होंगे, मगर वास्तव में अन्तरिक्ष में इनकी दुरी काफी ज्यादा होगी| 21 तारीख के बाद बृहस्पति अपनी कक्षा में और आगे बढ़ जायेगा और शनि पीछे छुट जायेगा और हमारे आसमान में हम इन ग्रहों को एक दुसरे से दूर जाते हुए देख पाएंगे|
युति के समय बृहस्पति और शनि की पृथ्वी सापेक्ष स्थिति| स्त्रोत timeanddate.com |
21 दिसम्बर की बृहस्पति-शनि की युति देखने के लिए हमारे पास समय बहुत कम होगा क्यूंकि ये दोनों ग्रह अब सूरज के काफी नजदीक जा रहे है| 21 की शाम को जैसे ही सूर्य अस्त हो जाता है ये दोनों ग्रह दक्षिण-पश्चिम की दिशा में देखे जा सकते है| सूर्यास्त के बाद करीब इन्हें 1 घंटे तक देखा जा सकता है| इस दौरान आप ऐसे जगह जा सकते है जहा से आप दक्षिण-पश्चिम क्षितिज को साफ़ देख पाए| इनके बिच की दुरी 6 आर्क मिनट की होगी| हमारे आसमान में दिखने वाले पुरे चन्द्रमा का आकार 1/2 डिग्री या 30 आर्क मिनट होता है| उसकी तुलना अगर इन दोनों ग्रहों की दुरी में की जाए तो पुरे चाँद के 5 वें हिस्से के बराबर होगी| अगले आने वाले हर 20 वर्षों में ये दो ग्रह बार बार युति करेंगे लेकिन फिर से इतने ही करीब वे 2080 में आयेंगे| इसलिए आप इसे जरुर देखिये|
दिसम्बर में बृहस्पति और शनि के बिच की दुरी हर दिन कम होते जाएगी और 21 दिसम्बर को वे युति की स्थिति में आ जायेंगे| स्त्रोत BBC, skynightmagazine.com |
*हमारे आसमान में ग्रहों, चन्द्रमा, सूर्य या तारों का आकार और आपस की दुरी नापने के लिए डिग्री, मिनुत और सेकंड की इकाई का इस्तेमाल किया जाता है| यह इसलिए की बहोत शुरुवाती समय से आसमान की कल्पना एक गोले के रूप में की गयी और गोले में मापन की इकाई भी यही है|